Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि में मां बम्लेश्वरी मंदिर में जलेंगे 7 हजार ज्योति कलश, जानें कैसी है तैयारी

Chhattisgarh Bambleshwari Temple Chaitra Navratri 2022: 2 साल कोरोना काल के बाद छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर (Bambleshwari Temple) ट्रस्ट ने चैत्र नवरात्रि (Navratri) पर्व की तैयारी शुरू कर दी है. मंदिर में नए ज्योति कलशों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है. मंदिर के ऊपर ज्योति कलश प्रज्ज्वलित करने के लिए सामग्री भेजी जा रही है. 2 से 10 अप्रैल तक चैत्र नवरात्रि पर्व मनाया जाएगा. इस बार पदयात्री भी माता का दर्शन करने पहुचेंगे. मार्च में ही गर्मी (Summer) ने बेहाल करना शुरू कर दिया है. जिसे देखते हुए खासकर पदयात्री मार्ग में पेयजल की व्यवस्था को बेहतर करने के निर्देश दिए गए हैं. पदयात्रियों की सेवा के लिए पंडाल भी लगेंगे.

2 अप्रैल से शुरू होगा चैत्र नवरात्रि
मंदिर ट्रस्ट के लोगों ने बताया कि 2 अप्रैल को ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए जाएंगे. 6 अप्रैल को पंचमी पर माता का विशेष शृंगार होगा. 8 अप्रैल सप्तमी पर विशेष कालरात्रि अभिषेक. 9 अप्रैल अष्टमी हवन और 10 अप्रैल को ज्योति कलशों का विसर्जन महावीर तालाब में किया जाएगा. मंदिर के ऊपर में 6001, नीचे मंदिर में 801 व शीतला मंदिर में 51 ज्योति कलश प्रज्जवलित होंगे. ऊपर मंदिर में 1101 रुपए व नीचे मंदिर में 2100 रुपए देकर श्रद्धालु ज्योति कलश प्रज्ज्वलित करा सकते हैं.

दूर-दूर से पैदल पहुंचते हैं श्रद्धालु
गौरतलब है कि, डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी के दर्शन करने के लिए चैत्र नवरात्रि में दूर-दूर से श्रद्धालु पैदल ही मंदिर पहुंचते हैं. इस बार गर्मी का भी व्यापक असर देखने को मिल रहा है जिसे देखते हुए जगह-जगह निजी संस्थाओं व प्रशासन की तरफ से पानी और खाने की व्यवस्था पंडाल लगाकर की जाएगी. यात्रा के दौरान पदयात्री कुछ देर के लिए इन पंडालों में आराम कर आगे की यात्रा शुरू कर सकेंगें.

कोरोना की वजह से ट्रेने स्थाई नहीं
ट्रेनों का परिचालन अब तक स्थाई नहीं है. पर्व के दौरान स्पेशल ट्रेनों के चलाए जाने पर भी सस्पेंस बरकरार है. कोरोना काल के चलते रेलवे ने अब तक यात्री गाड़ियों के परिचालन को स्थाई नहीं किया है. अभी भी कई लोकल व पैसेंजर ट्रेनें नियमित नहीं चल रही हैं. परिचालन नियमित नहीं होने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. परिचालन स्थाई नहीं होने की वजह से पर्व के दौरान स्पेशल ट्रेनें चलेंगी या नहीं इस पर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है.

ट्रैफिक व्यवस्था पर देना होगा ध्यान
2 दो साल बाद लगने वाले मेले की वजह से ट्रैफिक व पार्किंग व्यवस्था प्रशासन के लिए चुनौती साबित होगी. क्योंकि अंडरब्रिज निर्माण के बाद वाहनों की आवाजाही सतबहिनी मंदिर मार्ग से हो रही है. इसी मार्ग को दर्शनार्थी भी उपयोग करेंगे. ट्रफिक जाम लगने की पूरी आशंका है. पार्किंग व्यवस्था के लिए भी प्रशासन को मशक्कत करनी पड़ेगी. गौशाला पार्किंग, टूरिस्ट लॉज ग्राउंड व गुरुद्वारा कमेटी ग्राउंड में वाहनों को पार्क किया जाएगा.

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